ट्रेंडिंग न्यूज़

Hindi News उत्तर प्रदेश प्रयागराजडीएफसी के ट्रैक के लिए अलग बन रहे स्लीपर

डीएफसी के ट्रैक के लिए अलग बन रहे स्लीपर

मालगाड़ी चलाने के लिए बनाए जा रहे ईस्टर्न डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर के ट्रैक में खास तरह के स्लीपर लगाए जा रहे हैँ। डीएफसी इन स्लीपरों का निर्माण भी कर रहा है। जिसके लिए दो प्लांट लगाए गए...

डीएफसी के ट्रैक के लिए अलग बन रहे स्लीपर
हिन्दुस्तान टीम,प्रयागराजSat, 22 Feb 2020 02:19 PM
ऐप पर पढ़ें

मालगाड़ी चलाने के लिए बनाए जा रहे ईस्टर्न डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर के ट्रैक में खास तरह के स्लीपर लगाए जा रहे हैँ। डीएफसी इन स्लीपरों का निर्माण भी कर रहा है। जिसके लिए दो प्लांट लगाए गए हैं।

विश्व बैंक की दो सदस्यीय टीम के सदस्य अतुल अग्रवाल और नंदिता रॉय ने प्रयागराज दौरे के दूसरे दिन रमावा स्थित डिपो को देखा। टीम के साथ गए डीएफसी के प्रबंध निदेशक अनुराग सचान ने बताया कि 32 एक्सेल टन लोड वाले वैगन के साथ मालगाड़ी चलाने के लिए खास तरह का स्लीपर जरूरी था। यह स्लीपर प्रयागराज स्थित प्लांट में नहीं बनते। डीएफसी ट्रैक के लिए बन रहे स्लीपर में उत्कृष्ट सीमेंट और हाईटेंशन लाइन की केबिल का इस्तेमाल किया जा रहा है।

प्रयागराज स्थित प्लांट में 25 एक्सेल टन लोड का स्लीपर बनता है। इसके अलावा प्रयागराज के प्लांट से डीएफसी ट्रैक के लिए स्लीपर की मांग पूरी नहीं हो सकती थी। प्रबंध निदेशक के मुताबिक रमावा प्लांट में प्रतिदिन 1000-1200 स्लीपर बन रहे हैँ। रमावा प्लांट का स्लीपर कानपुर और प्रयागराज के बीच ट्रैक निर्माण में उपयोग होता है। मिर्जापुर के पास पहाड़ा के प्लांट में बन रहे स्लीपर प्रयागराज और दीनदयाल उपाध्याय जंक्शन के बीच ट्रैक निर्माण में लग रहे हैँ।

एकदिन में बिछा रहे डेढ़ किमी ट्रैक

प्रयागराज। डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर के प्रयागराज और कानपुर के बीच प्रतिदिन डेढ़ किमी ट्रैक का निर्माण हो रहा है। विश्व बैंक की दो सदस्यीय टीम ने शुक्रवार को मालवा में मशीन से बन रहा ट्रैक देखा। डीएफसी के एमडी ने बताया कि ट्रैक बिछाने का काम कर रही एजेंसी ने ऑस्ट्रिया से मशीन मंगाई है।

हिन्दुस्तान का वॉट्सऐप चैनल फॉलो करें