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सोशल मीडिया पर आत्महत्या की धमकी देने वाला लोको पायलट लापता, सुसाइड नोट वायरल होने के बाद मचा हड़कंप 

सोशल मीडिया पर सुसाइड नोट वायरल होने के बाद गायब लोको पायलट आलोक सिंह का मामला गहराता जा रहा है। कहा जा रहा है कि रेलवे स्टेशन पर शंटिंग के दौरान लोको पायलट आलोक सिंह पर हुए हमले की सूचना पर विभागीय...

सोशल मीडिया पर आत्महत्या की धमकी देने वाला लोको पायलट लापता, सुसाइड नोट वायरल होने के बाद मचा हड़कंप 
हिन्दुसतान संवाद,रायबरेली। Tue, 24 Nov 2020 10:06 PM
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सोशल मीडिया पर सुसाइड नोट वायरल होने के बाद गायब लोको पायलट आलोक सिंह का मामला गहराता जा रहा है। कहा जा रहा है कि रेलवे स्टेशन पर शंटिंग के दौरान लोको पायलट आलोक सिंह पर हुए हमले की सूचना पर विभागीय अधिकारी और जीआरपी व आरपीएफ कोई कार्रवाई करते तो शायद उसे ऐसा कदम न उठाना पड़ता। उसने सोशल मीडिया में वायरल किए गए सुसाइड नोट में अपनी जगह किसी को नौकरी और फंड न देने की बात कही है।

लोको पायलट आलोक सिंह ने पोस्ट किए गए सुसाइड नोट में लिखा है कि 17 अक्टूबर को वह स्टेशन में शंटिंग ड्यूटी में तैनात 16/24 शिफ्ट में था। तभी उसकी पत्नी ने अपने प्रेमी, जीजा, मां के उकसाने पर लाइन दो पश्चिमी छोर पर डीजल इंजन को सिक्योर करने के दौरान उस पर हत्या करवाने के उद्देश्य से हमला करवाया था। उसने इंजन के लोहे के रिवर्सर से किसी तरह अपनी जान बचाई और वहां से भागकर कुछ दूर जाकर हमलावरों की मोबाइल से वीडियो रिकार्डिंग कर ली। उस पर पत्थरों से हमला किया गया। सुसाइड नोट के ही मुताबिक, घटना की सूचना स्टेशन के अधिकारियों के साथ ही ऑन ड्यूटी गार्ड और जीआरपी और आरपीएफ प्रभारी को भी दी थी। हालांकि, आपीएफ और जीआरपी दोनों के ही जिम्मेदार अधिकारी लोको पायलट द्वारा सुसाइड नोट में लिखी गई बात के पहले से जानकारी होने से इंकार कर रहे हैं।

सूचना के बाद मौके पर अधिकारी पहुंचे थे और उससे लिखित शिकायत दर्ज कराने को कहा था लेकिन उसने ऐसा नहीं किया। इसीसे अधिकारियों ने कोई कार्यवाही नहीं की। डीआरएम को भेजे गए पत्र में उसने अपनी जगह किसी को भी नौकरी और एनपीएफ फंड न दिए जाने का निवेदन किया है। मामला सुर्खियों में आने के बाद मंगलवार को जीआरपी के थानेदार सक्रिय तो हुए लेकिन लोको पायलट की लोकेशन का कोई पता नहीं लग सका। जीआरपी एसओ अविनाश कुमार ने शक्तिनगर मोहल्ले में उसके मकान मालिक से भी संपर्क किया लेकिन वह भी कोई ठोस जानकारी नहीं दे सका। जीआरपी ने बलिया में उसके भाई से भी मोबाइल पर बात करने की कोशिश की लेकिन भाई ने यह कहकर-‘हम लोग पहले से ही परेशान हैं और परेशान न करें’ फोन काट दिया। जीआरपी को छानबीन में पता चला कि जो पत्र उसने भेजे हैं उनमें पिनकोड गोरखपुर रेलवे स्टेशन का है। 

लोकेशन न मिलने से परिजन परेशान
आलोक के परिजनों का कहना है कि शादी के बाद से अक्सर पत्नी से विवाद होने से आलोक परेशान व आहत रहता था। चाचा छितेश्वर सिंह के अनुसार आलोक की शादी बांसडीह कोतवाली क्षेत्र के राजागांव खरौनी निवासी आरती के साथ पिछले साल 18 फरवरी को ही हुई थी। विवाह के अगले माह मार्च में वह पत्नी को लेकर रायबरेली चला गया। उनके अनुसार आलोक अपनी पत्नी आरती को लेकर 19 नवम्बर को नैना गांव आया था। पत्नी को घर पर छोड़ने के बाद आलोक ससुराल राजागांव खरौनी अकेले गया और कुछ देर बाद वापस लौट आया।

छठ के दिन यानि 20 नवम्बर को आरती का भाई अनीश बहन को लेने नैना पहुंच गया। छितेश्वर का कहना है कि त्योहार होने के नाते जब बहू को बाद में भेजने की बात कही गयी तो अनीश ने 112 नम्बर पर फोन कर पुलिस बुला ली। पुलिसकर्मियों के प्रयास के बाद अनीश बहन आरती को लेकर गांव लौट गया। इसी बीच, 21 नवम्बर की रात आलोक की तबियत खराब हो गयी। परिजनों ने उसका जिला अस्पताल में इलाज कराया। परिवार वालों के मना करने के बावजूद 22 नवम्बर को आलोक अकेले ही रायबरेली चला गया। फेसबुक पर उसके द्वारा लिखी गयी बातों की जानकारी होने के बाद घरवाले काफी परेशान हैं। उनके अनुसार मोबाइल बंद बता रहा है। 

आलोक और उसकी पत्नी को कोरोना संक्रमित होने की वजह से 4 नवंबर को एल-टू हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया था। रिपोर्ट निगेटिव आने पर दोनों को 12 नवंबर को डिस्चार्ज कर दिया गया। इसके बाद वह पत्नी के साथ अपने गांव बलिया चला गया था। रेलवे के रिकार्ड के मुताबिक, सुसाइड नोट लिखने वाले लोको पायलट आलोक सिंह ने तीन नवंबर तक डीजल ड्राइवर की ऑनलाइन ट्रेनिंग भी की थी।  

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