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बनारस रेल कारखाना में एक माह में 40 इंजन का निर्माण

बनारस रेल कारखाना (बरेका) ने एक और कीर्तिमान अपने नाम कर लिया। बरेका में पहली बार एक माह में 40 रेल इंजनों का उत्पादन हुआ है। 30 नवंबर की सुबह तक यह...

बनारस रेल कारखाना में एक माह में 40 इंजन का निर्माण
हिन्दुस्तान टीम,वाराणसीTue, 01 Dec 2020 08:20 PM
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वाराणसी। कार्यालय संवाददाता

बनारस रेल कारखाना (बरेका) ने एक और कीर्तिमान अपने नाम कर लिया। बरेका में पहली बार एक माह में 40 रेल इंजनों का उत्पादन हुआ है। 30 नवंबर की सुबह तक यह आंकड़ा 39 था लेकिन पहली दिसंबर तक तैयार इंजनों की संख्या 40 हो गई। इसके पहले कारखाना में इसी वर्ष जुलाई में सर्वाधिक 31 विद्युत रेल इंजन तैयार होने का रिकार्ड बना था।

इस उपलब्धि पर रेलवे बोर्ड के चेयरमैन और सीईओ विनोद यादव ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये बरेका प्रबंधन और कर्मचारियों को शुभकामनाएं दीं। उन्होंने 39वें विद्युत रेल इंजन 'दीपशक्ति' का लोकार्पण किया। इस मौके पर महाप्रबंधक अंजली गोयल समेत कई अधिकारी मौजूद थे।

वीडियो कांफ्रेंसिंग के दौरान चेयरमैन विनोद यादव ने कहा कि बनारस रेल इंजन के कर्मचारियों और अधिकारियों ने अपनी कार्यकुशलता से न केवल खुद को साबित किया है, बल्कि हर महीने नई उपलब्धि भी हासिल कर रहे हैं। कोरोना संकट के बीच कर्मचारियों की कार्यक्षमता कम नहीं हुई है।

महाप्रबंधक अंजली गोयल ने बताया कि लोकर्पित रेल इंजन छह हार्सपावर का है। इसकी अधिकतम गति 140 किमी प्रति घंटे होगी जिसका मेल एक्सप्रेस में इस्तेमाल होगा। बीते नवंबर 2019 तक बरेका ने कुल 168 रेल इंजन बनाये थे, जबकि इस वर्ष अप्रैल से मई तक काम बंद होने के बावजूद नवंबर तक 169 रेल इंजनों का उत्पादन हुआ है। जीएम ने बताया कि मोजांबिक को तीन हजार हार्सपावर केप गेज का डीजल इंजन निर्यात होना है। इसके लिए भी काम किया जा रहा है। इसके तहत बरेका में पहली बार 12 सिलेंडर क्रैंककेस का निर्माण किया जा रहा है।

इंजन को पायलटों के उपयुक्त बनाया

नये रेल विद्युत इंजन की डिजाइन में संशोधन कर उसे पायलटों के उपयुक्त बनाया गया है। लोको पायलट केबिन में अधिक जगह दी गई है। इसे वातानुकूलित बनाया गया है। लोड कनवर्टर लगा है, जिससे ट्रेनों में अलग से जेनरेटर कार लगाने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी।

ब्रेक लगाने के दौरान भी पैदा होगी बिजली

बरेका में तैयार रेल इंजन में री-जेनेरेटिव ब्रेकिंग तकनीक का इस्तेमाल किया गया है। इससे ब्रेक लगाने के दौरान भी बिजली पैदा होगी जिसे इंजन संग्रहित कर लेगा। साथ ही किसी तकनीकी समस्या को देखने के लिए पायलट ग्राफिकल मैन मशीन इंटरफेस का इस्तेमाल कर सकेगा।

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