नए मोटर वाहन ऐक्ट के विरोध में फूंकी बाइकें, देखें VIDEO

भारतीय किसान यूनियन ने नए मोटर व्हीकल ऐक्ट के विरोध, किसानों का बकाया गन्ना भुगतान सहित अन्य मांगों को लेकर जुलूस निकालकर प्रदर्शन किया। ऐक्ट के विरोध में दो बाइकों में आग लगा दी। किसानों ने तहसील...

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नए मोटर वाहन ऐक्ट के विरोध में फूंकी बाइकें, देखें VIDEO
Himanshu लाइव हिन्दुस्तान टीम, रुड़की
Mon, 16 Sep 2019 7:21 PM

भारतीय किसान यूनियन ने नए मोटर व्हीकल ऐक्ट के विरोध, किसानों का बकाया गन्ना भुगतान सहित अन्य मांगों को लेकर जुलूस निकालकर प्रदर्शन किया। ऐक्ट के विरोध में दो बाइकों में आग लगा दी। किसानों ने तहसील में पंचायत कर सरकार पर उनके हितों के खिलाफ काम करने का आरोप लगाया।
बीएचईएल बस अड्डे के पास भारतीय किसान यूनियन के बैनर तले किसान एकत्र हुए। आसपास क्षेत्र से ट्रैक्टर-ट्रालियों में भरकर बड़ी संख्या में किसान पहुंचे। किसानों ने बीएचईएल बस अड्डे से हाईवे होकर जुलूस निकाला। आईआईटी मेन गेट से किसान सिविल लाइंस होकर वोट क्लब पहुंचे। गुस्साए किसानों ने मोटर व्हीकल ऐक्ट के विरोध में दो बाइकों को आग लगा दी। 
किसानों ने कहा कि नए मोटर व्हीकल ऐक्ट में काफी अधिक जुर्माना रखा गया है। किसानों के पास चुकाने के लिए इतना पैसा नहीं है। कहा कि किसानों का बकाया गन्ना भुगतान नहीं हो रहा है। किसान जुर्माने के पैसे देने की स्थिति में नहीं है। पहले किसानों का बकाया गन्ना भुगतान किया जाना चाहिए। इसके बाद किसान तहसील पहुंचे और पंचायत की।
 किसान यूनियन के प्रदेश अध्यक्ष पदम सिंह रोड ने कहा कि बकाया भुगतान, चकबंदी विभाग, ऊर्जा निगम, तहसील से भी किसानों की समस्या लंबित है। समस्याओं का समाधान नहीं हो पा रहा है। किसान कई बार मांगों को लेकर धरना-प्रदर्शन कर चुके हैं। लेकिन समस्या का समाधान नहीं हो पा रहा है। इसलिए मजबूरन किसानों को प्रदर्शन को बाध्य होना पड़ रहा है। 
पूर्व सीएम हरीश रावत ने भी तहसील में धरना स्थल पर पहुंचकर किसानों को समर्थन दिया। उन्होंने कहा कि केंद्र और प्रदेश की भाजपा सरकार किसान हित में काम नहीं कर रही है। किसानों को फसल का लागत मूल्य नहीं मिल रहा है। गन्ने का बकाया भुगतान भी नहीं हो रहा है। कहा कि अर्थव्यवस्था की हालत खराब है। नोटबंदी का दुष्प्रभाव दिख रहा है। ग्रामीण क्षेत्रों में मांग में भारी कमी आयी है। जुलूस निकालने के बाद किसानों ने तहसील में पंचायत कर धरना दिया। इस दौरान उनकी जेएम नितिका खंडेलवाल, एसपी देहात नवनीत सिंह, एसओसी दिवान सिंह नेगी से वार्ता हुई। चकबंदी से जुड़ी समस्याओं के समाधान के लिए जेएम ने शनिवार को बैठक बुलाई। इसके बाद धरना समाप्त हो गया। इस दौरान इंद्र सिंह, विवेक, राजवीर सिंह, कर्मवीर सिंह, नकली सिंह, मामचंद, मनोज, विपिन, प्रेम शंकर, प्रदीप, नाजिम, फुरकान, शमशेर आदि मौजूद रहे।

 

हाईवे पर लगा रहा जाम 
किसानों के जुलूस के दौरान हाईवे पर जाम की स्थिति बनी रही। बीएचईएल अड्डे से किसान जुलूस के रूप में पहुंचे और हाईवे पर आईआईटी मेन गेट से वोट क्लब की ओर गए। किसानों के साथ ट्रैक्टर-ट्रालियां भी थी। इससे हाईवे पर जाम लगा रहा। किसान इसके बाद फिर हाईवे होते हुए तहसील की ओर गए। इस दौरान वोट क्लब पर नए पुल से लेकर सिविल लाइंस रोड भी बंद रही। किसानों के ट्रैक्टर-ट्राली यहां खड़े रहे। आवागमन करने वाले जादूगर रोड से होते हुए आए।

 

तहसील में किसानों की भूख हड़ताल जारी
भारतीय किसान यूनियन (तोमर) से जुड़े किसानों की भूख हड़ताल भी जारी रही। कई दिनों तक धरना देने के बाद यूनियन से जुड़े किसान भूख हड़ताल कर रहे हैं। सोमवार को उनके समर्थन में अन्य किसान भी तहसील पहुंचे। ज्वाइंट मजिस्ट्रेट कार्यालय के बाहर धरना दिया। यूनियन गन्ने का बकाया भुगतान, नहरों की सफाई, नए मोटर वाहन ऐक्ट का विरोध कर रहे हैं। प्रशासन से उनकी वार्ता विफल हो चुकी है।  

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