नया मोटर व्हीकल ऐक्ट लागू हो चुका है, लेकिन प्रदेश में यह ऐक्ट आधी-अधूरी तैयारियों के साथ लागू हुआ है, जिसका खामियाजा लोगों को भुगतना पड़ रहा है। आरटीओ दफ्तर में ड्राइविंग लाइसेंस के लंबी वेटिंग चल रही है। एक दिन में 200 ड्राइविंग लाइसेंस बन पा रहे हैं। जबकि आवेदन छह से सात सौ रोजाना हो रहे हैं।
नया मोटर व्हीकल ऐक्ट एक सितंबर से लागू हो चुका। अब इसमें जुर्माने की दरें लागू होनी हैं। जुर्माना दर में राज्य सरकार ने कुछ राहत दी है। बावजूद जुर्माने में पहले की अपेक्षा पांच गुना तक बढ़ोतरी हुई है। जुर्माने से बचने के लिए लोग अपने वाहनों के सभी प्रमाण पत्र बनाने साथ ही ड्राइविंग लाइसेंस भी बना रहे हैं। देहरादून आरटीओ कार्यालय में लर्निंग ड्राइविंग लाइसेंस बनाने के लिए वेटिंग बढ़ती जा रही है। छह हजार से ज्यादा लोग ऑनलाइन आवेदन कर चुके हैं, लेकिन आरटीओ दफ्तर में रोजाना 200 लाइसेंस बन पा रहे हैं।
प्रदूषण जांच केंद्रों पर लंबी हो रही लाइनें
प्रदूषण जांच केंद्रों पर वाहनों की लाइनें छोटी नहीं हो रही है। प्रदूषण जांच के लिए लोगों को भारी परेशानी झेलनी पड़ रही है। शहर में 18 प्रदूषण केंद्र हैं। अभी तक एक सितंबर से 70 हजार वाहनों की प्रदूषण जांच हुई है। अभी भी छह लाख से अधिक वाहन ऐसे हैं, जिनके पास प्रदूषण जांच प्रमाण पत्र नहीं हैं। प्रदूषण केंद्रों की संख्या सीमित होने के कारण वाहनों की प्रदूषण जांच में लंबा समय लग सकता है।
आरटीओ दफ्तर में जुट रही भीड़
नए ऐक्ट में सड़क हादसा होने पर वाहन मालिक के खिलाफ कड़ी कार्रवाई का प्रावधान किया गया है। अभी तक अधिकांश लोग ऐसे थे, जो सेकेंड हैंड वाहन खरीद लेते थे, लेकिन कागजों में वाहन को अपने नाम ट्रांसफर नहीं करवाते थे। नया ऐक्ट लागू होने के बाद वाहन को अपने नाम करवाने के लिए भीड़ जुट रही है। चालान भुगतने के लिए भी काउंटरों पर लंबी लाइन लग रही है।
ड्राइविंग लाइसेंस के लिए आवेदकों की भीड़ बढ़ी है। लाइसेंस बनाने के लिए लंबा इंतजार नहीं करना पड़े इसके लिए एनआईसी से स्लॉट बढ़ाया गया है। पहले एक दिन में 150 लाइसेंस बनते थे। अब इसे बढ़ाकर 200 कर दिया है।