Coronavirus : उत्तराखंड में तीन और कोविड-19 के मिले मरीज, 51 पहुंचा कोरोना मरीजों का आंकड़ा

राज्य में कोरोना के तीन और पॉजीटिव मरीज मिलने से कोरोना मरीजों की कुल संख्या 51 पहुंच गई है। रविवार को देहरादून की आजाद कालोनी निवासी एक महिला और एम्स ऋषिकेश के यूरोलॉजी विभाग के नर्सिंग अफीसर में...

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Coronavirus : उत्तराखंड में तीन और कोविड-19 के मिले मरीज, 51 पहुंचा कोरोना मरीजों का आंकड़ा
Dinesh देहरादून। मुख्य संवाददाता 
Sun, 26 Apr 2020 6:46 PM

राज्य में कोरोना के तीन और पॉजीटिव मरीज मिलने से कोरोना मरीजों की कुल संख्या 51 पहुंच गई है। रविवार को देहरादून की आजाद कालोनी निवासी एक महिला और एम्स ऋषिकेश के यूरोलॉजी विभाग के नर्सिंग अफीसर में कोरोना वायरस की पुष्टि हुई है। 
आजाद कॉलोनी की पॉजीटिव पाई गई महिला प्रसव के दिए दून महिला अस्पताल में भर्ती भी और शनिवार को ही महिला ने बच्चे को जन्म दिया है।

इधर एम्स के यूरोलॉजी विभाग के नर्सिंग ऑफीसर में 24 अप्रैल को कोरोना के मामूली लक्षण दिखाई दिए। 25 अप्रैल को स्वास्थ्य बिगड़ने पर कोविड 19 की जांच कराई गई तो अफसर कोरोना पॉजीटिव पाया गया है। अपर सचिव स्वास्थ्य युगल किशोर पंत ने बताया कि रविवार को तीन नए मरीज सामने आने के बाद राज्य में कोरोना मरीजों की कुल संख्या 51 पहुंच गई है। जबकि 26 मरीज अभी तक इलाज के बाद अस्पतालों से डिस्चार्ज होकर घर जा चुके हैं। 

एम्स में अभी तक नहीं हुआ कोरोना मरीजों का इलाज 

एम्स ऋषिकेश में रविवार से पहले तक कोरोना के किसी मरीज का इलाज नहीं हुआ है। राज्य में जब कोरोना का पहला केस सामने आया तो सरकार एम्स में ही कोरोना के मरीजों को इलाज करना चाहती थी। लेकिन उस वक्त एम्स ने गंभीर मरीजों के इलाज की ही बात कहीं थी। लेकिन अब बिना कोरोना मरीजों के इलाज के ही स्वास्थ्य कर्मी के संक्रमित होने से एम्स में अपनाए जा रहे सुरक्षा मानकों पर भी सवाल उठ गए हैं।

अपर सचिव स्वास्थ्य और कोरोना के स्टेट नोडल अफसर युगल किशोर ने कहा कि हम खुद हैरान हैं कि एम्स के यूरोलॉजी विभाग का नर्सिंग ऑफीसर कैसे कोरोना संक्रमित हो गया। उन्होंने कहा कि इस बात की जांच की जा रही है कि नर्सिंग ऑफीसर तक संक्रमण कैसे पहुंचा। कोरोना के कैरियर की तलाश के लिए भी प्रयास किए जा रहे हैं। 

नवजात की जांच पर डॉक्टर फैसला लेंगे 

देहरादून की आजाद कालोनी की दून अस्पताल में भर्ती महिला में कोरोना वायरस की पुष्टि के बाद भी सरकार की मुश्किल बढ़ गई है। दरअसल महिला को सामान्य वार्ड में अन्य गर्भवती महिलाओं के साथ रखा गया था। महिला में भी कोरोना के कोई लक्षण नहीं थे। लेकिन जांच में पॉजीटिव आने से अब सरकार की मुश्किल बढ़ गई है।

अपर सचिव स्वास्थ्य युगल किशोर पंत ने बताया कि वार्ड में भर्ती अन्य महिलाओं की जांच कराई जा रही है। उन्होंने कहा कि महिला ने शनिवार रात को ही बच्चे को जन्म दिया है। बच्चे की कोरेाना जांच कब कराई जानी है इस संदर्भ में डॉक्टरों की राय ली जा रही है। उन्होंने कहा कि डॉक्टरों की राय के अनुसार ही बच्चे का सैंपल लिया जाएगा। 

पहाड़ में भी हो सकते हैं बिना लक्षण वाले मरीज 

रविवार को दून व ऋषिकेश में दो कोरोना मरीजों के मिलने से पहाड़ के जिलों की चिंता भी बढ़ा दी है। गर्भवती महिला व एम्स के नर्सिंग ऑफीसर को बिना लक्षण वाले मरीज से कोरोना मिलने से यह आशंका जताई जा रही है कि पहाड़ व राज्य के अन्य जिलों में भी ऐसे मरीज हो सकते हैं।

इससे कम्युनिटी संक्रमण का खतरा बढ़ने के साथ ही लॉक डाउन में छूट दिए जाने से पहाड़ पर संक्रमण फैलने का भी खतरा है। पहाड़ में कोरोना की जांच भी काफी कम हो रही है इसलिए भी यह आशंका बढ़ रही है। हालांकि अपर सचिव स्वास्थ्य युगल किशोर पंत ने बताया कि लक्षण वाले संदिग्ध मरीजों की लगातार जांच की जा रही है। इसके अलावा सर्विलांस टीम भी लगातार मरीजों पर निगरानी रख रही है।

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